आप जब बाजार में देखते हो तो आपको रेड और ग्रीन कलर के Candlestick Pattern बनते हुए नजर आते है यह बनते कैसे है आपके दिमाग में भी यह सवाल जरूर आया होगा क्योंकि जब भी कोई नया बन्द Stock Market में कमाने के लिए आता है तो उसको यह सब का ज्ञान नहीं होता है।
तो ऐसे में आप को यह शेयर बाजार कैसे कम करता है उसके ऊपर क्या साइकोलॉजी होती है उसको भी जरूर समझ न चाहिए तभी आपको समझ में आएगा कि बाजार ऊपर कैसे जाता है और नीचे कैसे जाता है क्योंकि यह पर भी लोग खरीद ने वाले ओर बेचैन वाले होते है।
Candlestick Pattern क्या है?
बाजार में अपने जितने भी Hammer Candlestick Pattern देखे है उसके पीछे सब खरीदार ओर बेचने वाले सभी लोग जवाबदार है क्योंकि यही लोग है जो बाजार में ऊपर नीचे लेजाते हैं क्योंकि जिसकी ज्यादा खरीददारी करने से उसका दाम बढ़ जाता हैं क्योंकि उसकी डिमांड ही बहुत ज्यादा हो जाती है।
ग्रीन केंडल बनता है वह नीचे से Open होता है और ऊपर की ओर Close होता है क्योंकि यह पर बहुत सारे लोग खरीदारी कर रहे हैं इसलिए यह बाजार को ऊपर की ओर खींचता है और आपको ग्रीन केंडल बनती हुई नजर आती हैं जो नीचे की ओर लाइन बनता है वह लोवर शैडो कहते है और ऊपर की ओर High बनता है और क्लॉस उसके नीचे होता है उसको ऊपर शेडोव कहते है।
और वैसे ही आपको रेड केंडल बनती हुई नजर आती हैं क्योंकि बाजार में यह तब बनती है जब ज्यादा ऑप्शन सेलिंग करने लोग आते है तब बाजार आपको नीचे की ओर आता हुआ दिखाई देता है यह केंडल Open ऊपर की ओर होती है और उसका High ही उसका ऊपर शैडो कहते हैं।
और यह बाजार को नीचे लाते है तो यह सेलर बहुत ज्यादा होता है इसलिए यह केंडल Close भी आपको नीचे होती हुई नजर आएगी और उसका सबसे Low बनता है वह से क्लोजिंग ऊपर होती है तो उसको लोवर शैडो कहते हैं।
अब आपको पता चल गया होगा कि बाजार में रेड केंडल और ग्रीन केंडल ही क्यों बनती है यह सब कुछ साइकोलॉजी के अनुसार बनता है क्योंकि जब बाजार गिरता है तो लोग पैनिक सेलिंग करते है और कुछ फॉल होने के बाद एक जगह से खरीदारी आती है तो उसके हिसाब से Candlestick Pattern बनता है यह सब साइकोलॉजी के साथ kam करता है।
रेड और ग्रीन केंडल कैसे बनता है ?
शेयर बाजार में आपने कोई भी शेयर का चार्ट देखोगे तो आपको तो तरह की Candlestick Pattern देखने को मिली होगी ऐक रेड कलर ओर दूसरी ग्रीन कलर यह दोनों केंडल अगल अलग बाजार को दिखाती है एक जो कि ग्रीन केंडल बनती है वह बाजार को Bullish की ओर दिखाती है और दूसरी केंडल जो कि रेड केंडल Bearish दिखाती हैं।
यह तो प्रकार की होती है :
1) Bullish Candlestick Pattern,
2) Bearish Candlestick Pattern
Bullish Candlestick Pattern यानी कि वह कैंडल जो कि बाजार को ऊपर की ओर ले जाती है और यह सारी नीचे
यानी कि सपोर्ट जॉन पर बनती है तो बहुत अच्छे से काम करती हैं।
Bearish Candlestick Pattern यानी कि वह कैंडल जो कि बाजार को नीचे की ओर ले जाते है और यह सारी कैंडल्स आपको रेड कलर में बनती हुई नजर आती हैं रेजिस्टेंस के पास यह बेयरिश केंडल बनती है तो अच्छे से काम करती है।
कैंडल्स की संख्या के अनुसार कैंडलस्टिक पेटर्न तीन प्रकार के होते है :
यह ऐसे Candlestick Pattern है जो की आपको एक या दो या फिर तीन केंडल बनता है और यह सब कुछ साइकोलॉजी के अनुसार काम करता है इसलिए आपको दो या फिर तीन केंडल बनता हुआ नजर आता है और यह भी एक अच्छा लेवल का कम करता है।
Single candlestick pattern: ये वह कैंडलस्टिक पेटर्न है जिनके बनने के लिए कम से कम एक कैंडल की जरूरत पड़ती है और यह भी बहुत अच्छे से कम करता है जब बाजार में आपको बॉटम या फिर रेजिस्टेंस पर बनता हुआ नजर आता है।
Two candlestick pattern: ये वह कैंडलस्टिक पेटर्न है जिनके बनने के लिए कम से कम 2 कैंडल की जरूरत पड़ती है यह सब आपको टाइम फ्रेम का खेल होता है क्योंकि यह आप अलग अलग टाइम से केंडल को देखेंगे तो आपको यह दो केंडल काम करती हैं।
Three candlestick pattern: ये वह कैंडलस्टिक पेटर्न है जिनके बनने के लिए कम से कम 3 कैंडल की जरूरत पड़ती है यह भी आपको साइकोलॉजी के साथ काम करता है क्योंकि यह आपको रेड और ग्रीन केंडल में लोगो के इमोसल जुड़े होते है।
Hammer Candlestick Pattern in Hindi ( हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न ) :
इस पैटर्न के बनते ही शेयर प्राइस ऊपर जाना शुरू हो जाता है मतलब यह एक bullish candlestick pattern है हैमर का मतलब होता है ‘हथोड़ा’ यानी यह कैंडल बिल्कुल हथौडे के आकार की होती है इस कैंडल की lower shadow बहुत लंबी होती हैं जबकि upper shadow बहुत छोटी होती है।
Hammer candlestick pattern को पहचानने के लिए आपको 4 चीजें देखना होगा–
इस पैटर्न के बनने के लिए शेयर downtrend में होना चाहिए यानी शेयर प्राइस गिर रही होनी चाहिए मतलब अगर शेयर की प्राइस बढ़ रही है तो वह हैमर कैंडल नहीं होगी Hammer candle की upper shadow या तो बहुत छोटी होनी चाहिए या फिर नहीं होनी चाहिए और lower shadow की लंबाई body से कम से कम 2 गुना बड़ी होनी चाहिए।
Hammer candle लाल या हरी किसी भी रंग की हो सकती है मतलब color मायने नहीं रखता लेकिन अगर Green है तो ज्यादा valid signal माना जाता है क्योंकि यह bullish signal देता है।
Hammer candle बनने के बाद जो अगली कैंडल बनती है वह हैमर कैंडल से ऊपर close होनी चाहिए लेकिन अगर वह हैमर कैंडल के नीचे close होती है तो हम इसे हैमर कैंडलस्टिक पेटर्न नहीं मानेंगे।
तो अगर ऊपर बताई गई चारों चीजें पूरी होती है तो इसका मतलब है कि वह एक valid ‘हैमर कैंडलस्टिक पेटर्न‘ है और इसके बनते ही trend रिवर्स हो सकता है मतलब अब तक शेयर प्राइस लगातार गिर रही थी और अब इस पैटर्न के बनते ही शेयर प्राइस बढ़ना शुरू हो जाएगी।
हैमर कैंडलस्टिक पेटर्न एक Reversal candlestick pattern है क्योंकि इस कैंडल के बनते ही प्राइस reverse होना शुरू हो जाता है।
तो Downtrend में हैमर कैंडल बनने के बाद अगर अगली कैंडल इससे ऊपर close होती है तभी आपको ट्रेड करना है आपका entry point अगली कैंडल का high होगा और stop loss हैमर कैंडल का low होगा तो इस प्रकार आप Hammer candlestick pattern को ट्रेड कर सकते हैं।